बिना किसी दस्तावेज के बदले आधार कार्ड में मोबाइल नंबर– पिछले कुछ सालो में आधार कार्ड का इस्तेमाल बहुत होने लगा है ! यह आज के समय में सभी के लिए एक जरूरी दस्तावेज है, जो सरकारी और बहुत सारी दूसरी चीजों के लिए आवश्यक है ! ऐसे में आधार को अपडेट रखना बहुत जरूरी है, आजकल सभी काम ऑनलाइन के जरिये होते है ! जिसमे OTP की जरुरत पड़ती है, जिसके लिए आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए !
ऐसे में अगर आपने मोबाइल नंबर आधार में अपडेट नही करवाया है तो तुरंत ही इसे अपडेट कराए ! क्योंकि हाल ही में UIDAI ने आधार में मोबाइल नंबर अपडेट करने की घोषणा की है ! अब आपको इसके लिए कोई प्रूफ या दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं है ! नीचे दिए गए चरणों का पालन करें और दी गयी प्रक्रिया के साथ आवेदन पत्र भरें ! इसके बाद की जानकरी के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े !
ऐसे करे आधार में मोबाइल नंबर अपडेट
अगर आपका आधार कार्ड से लिंक नंबर डिएक्टिवेट हो गया है या फिर वह नंबर बंद हो गया है ! तो आप UIDAI की वेबसाइट की मदद से अपने नंबर को अपडेट कर सकते हैं ! इसके लिए आपको पास के किसी आधार सेंटर में जाना होगा ! अपने आधार में फ़ोन नंबर बदलने के लिए नीचे दिए स्टेप फ़ॉलो करें !
- इसके लिए सबसे पहले आप अपने नजदीकी के आधार इनरोलमेंट सेंटर में जाएं !
- आधार इनरोलमेंट सेंटर जाने के बाद वहा से आधार अपडेट/करैक्शन फॉर्म का फॉर्म ले ! फॉर्म में पूछी गयी जानकरी सही-सही भरे, खासकर अपन मोबाइल नंबर !
- उसके बाद आधार कार्ड अधिकारी को अपना फॉर्म जमा कर दें। फिर आपके बायोमैट्रिक सत्यापन के साथ आपका नंबर अपडेट कर दिया जाएगा !
- मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए आपको 50 रुपये फीस देनी होगी !
- आपको आधार कार्ड सेंटर से पावती पर्ची दी जाएगी देगा ! उस पर्ची में आपका अपडेट रिक्वेस्ट नंबर (URN) है ! इस नंबर की मदद से आप अपने अपडेट की रिक्वेस्ट की जाँच कर सकते हैं ! और 90 दिनों के भीतर आपका मोबाइल नंबर अपडेट हो जाएगा !
2010 में बना पहला आधार कार्ड
जनवरी 2009 में भारत सरकार द्वारा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) का गठन किया गया ! इसके बाद सितंबर 2010 से आधार कार्ड बनाने का कार्य शुरू हुआ ! आधार कार्ड बनाने की शुरुआत 29 सितंबर 2010 को पहला आधार कार्ड जारी करने के साथ हुई थी ! उसके बाद बड़े पैमाने पर भारत में लोगों का आधार कार्ड बनाये जाने की शुरुआत हुई !
आधार में आंखों की स्कैनिंग से लेकर हाथों की सभी अंगुलियों के फिंगर प्रिंट को कैप्चर किया जाता है ! सरकार के पास यूआईडीएआई के जरिए सभी का डाटा रखा गया है ! आज के समय में बच्चो का भी आधार कार्ड बनाये जाते है, इसे बाल आधार कार्ड कहा जाता है !