FD vs RD : एफडी और आरडी जानिए कौन सा विकल्प है आपके लिए बेहतर

एफडी और आरडी जानिए कौन सा विकल्प है आपके लिए बेहतर– अगर आप बिना किसी परेशानी के अपना पैसा निवेश करना चाहते है तो इसके लिए फिक्स्ड डिपाजिट और रेकरिंग डिपाजिट सबसे बढ़िया विकल्प है ! एफडी या आरडी में निवेश करने का सबसे अच्छा फायदा यह है कि इसमें आपका पैसा सुरक्षित रहता है ! और साथ ही आपको एक निश्चित अवधि के बाद अच्छा रिटर्न मिलता है !

देश के प्रमुख बैंक आपको सावधि जमा और आवर्ती जमा दोनों की सेवा प्रदान करते है ! इन दोनों एफडी और आरडी योजनाओं में आप अपने हिसाब से निवेश कर सकते है, और इस निवेश राशि पर आपको तय ब्याज मिलेगा ! कई जगह देखा गया है कि निवेश समझ नहीं पाते की फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश करे या अच्छे रिटर्न के लिए रेकरिंग डिपाजिट में निवेश करे ! तो आइये जानते है आपके लिए कोनसा विकल्प बेहतर है !

फिक्स्ड डिपाजिट (Fixed Deposit)

FD यानि फिक्स्ड डिपाजिट, इसे हिंदी में सावधि जमा के नाम से जाना जाता है ! जैसे की नाम से पता चलता है फिक्स्ड मतलब निश्चित समय के लिए, फिक्स्ड डिपाजिट में आपको एक निश्चित समय के लिए निवेश करना होता है ! अगर आपके पास 50 हजार रूपए है आप उसे बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश करते है ! यह एक निर्धारित समय के लिए 1 साल, 2 साल या 5 साल के लिए जमा हो जाएगी, उस पर आपको ब्याज दिया जाएगा !

रेकरिंग डिपाजिट (Recurring Deposit)

RD यानि रेकरिंग डिपाजिट, इसे हिंदी में आवर्ती जमा कहा है ! रेकरिंग डिपाजिट भी एफडी की तरह ओपन होती है, लेकिन इसकी जो प्रक्रिया होती है वह अलग होती है ! मतलब अपने 500 रूपए से अपने बैंक में आरडी खाता खुलवा लिया ! इसमे आपको हर महीने 500 रूपए अपने RD खाते जमा करने होंगे ! जितने भी समय के लिए अपने आरडी अकाउंट खुलवाया है, उतने समय के लिए आपको इसमें निवेश करना होगा !

FD vs RD अवधि

आप जिस भी समय के लिए एफडी अकाउंट खुलवाते है, ब्याज दर उस हिसाब से बदलती रहती है ! आम नागरिक 7 दिनों से लेकर 10 साल के लिए अपना पैसा फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश कर सकते है ! ऐसे ही आरडी अकाउंट भी 6 महीने से लेकर 10 साल के लिए खुलवाया जा सकता है !

टैक्स में छूट

आप किसी भी बैंक में सावधि जमा या आवर्ती जमा खाता खुलवाते है तो आपको उस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होता है ! अगर एफडी में आपको एक साल में ब्याज 10,000 रूपए से अधिक मिल रहा है तो बैंक आपसे टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) के रूप में 10% की कटौती करेगा ! वही रेकरिंग डिपॉज़िट पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाता है ! लेकिन इसकी जानकारी आपको इनकम टैक्स में दर्ज करना होता है !

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